Hindi Poems for Kids

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बच्चों के लिए लिखी गयी हिन्दी कविताओं का पिटारा

बच्चों के लिए हिंदी कविताओं के इस संग्रह में आपको मिलेंगी सफ़दर हाश्मी, हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय और सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जैसे महान कवी की बाल कवितायेँ। तो सफ़दर की “बांसुरीवाला” हो या सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की “बतूता का जूता” या चट्टोपाध्याय की मशहूर “रेलगाड़ी”, लीजिये मज़ा इन हिंदी कविताओं का जो ख़ास बच्चों लिए लिखी गयी हैं।

In our Pitara of Hindi poems for children you will find kids’ poems in Hindi by such famous writers as Safdar Hashmi, Harindranath Chattopadhyaya and Sarveshwar Dayal Saksena. So be it Safdar’s “Bansuriwala” or Sarveshwar Dayal Saksena’s “Batoota Ka Joota” or Harindranath Chattopadhyaya’s “Railgaadi”, enjoy these children’s Hindi poems.


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बांसुरी वाला

बांसुरी वाला

बात सात सौ साल पुरानी सुनो ध्यान से प्यारे हैम्लिन नामक एक शहर था वीजर नदी किनारे। यूं तो शहर बहुत सुन्दर था हैम्लिन जिसका नाम मगर वहां के लोगों का हो गया था चैन हराम। इतने चूहे इतने चूहे गिनती हो गई मुश्किल जिधर भी देखो जहां भी देखो करते दिखते किल बिल। बाहर चूहे घर में चूहे दरवाजे और दर में चूहे खिड़की और आलों में चूहे...

मेरी रेल

मेरी रेल

छूटी मेरी रेल। रे बाबू छूटी मेरी रेल। हट जाओ हट जाओ भैया मैं न जानूं फिर कुछ भैया टकरा जाये रेल। धक् धक् धक धक् धू धू धू धू भक् भक् भक् भक् भू भू भू भू छक् छक् छक् छक् छू छू छू छू करती आई रेल। एंजिन इसका भारी-भरकम। बढ़ता जाता गमगम गमगम। धमधम धमधम धमधम धमधम। करता ठेलस ठेल सुनो गार्ड ने दे दी सीटी। टिकट देखता फिरता टीटी। सटी हुई वीटी से वीटी।...

चतुर चित्रकार

चतुर चित्रकार

चित्रकार सुनसान जगह में बना रहा था चित्र। इतने ही में वहां आ गया यम राजा का मित्र।। उसे देखकर चित्रकार के तुरंत उड़ गये होश। नदी पहाड़ पेड़ फिर उसको कुछ हिम्मत आई देख उसे चुपचाप। बोला सुन्दर चित्र बना दूं बैठ जाइये आप।। उकरू मुकरू बैठ गया वह सारे अन्ग बटोर। बड़े ध्यान से लगा देखने चित्रकार की ओर।। चित्रकार ने कहा हो गया आगे का तैयार। अंब मुंह आप उधर तो करिये जंगल के सरदार।।...

गड़बड़ घोटाला

गड़बड़ घोटाला

यह कैसा है घोटाला कि चाबी मे है ताला कमरे के अंदर घर है और गाय में है गोशाला। दातों के अंदर मुंह है और सब्जी में है थाली रूई के अंदर तकिया और चाय के अंदर प्याली। टोपी के ऊपर सर है। और कार के ऊपर रस्ता ऐनक पे लगी हैं आंखें कापी किताब में बस्ता। सर के बल सभी खड़े हैं पैरों से सूंध रहे हैं घुटनों में भूख लगी है और टखने ऊंघ रहे हैं।...

बतूता का जूता

बतूता का जूता

इब्न बतूता पहन के जूता निकल पड़े तूफान में थोड़ी हवा नाक में घुस गई घुस गई थोड़ी कान में। कभी नाक को कभी कान को मलते इब्न बतूता इसी बीच में निकल पड़ा उनके पैरों का जूता। उड़ते उड़ते जूता उनका जा पहुंचा जापान में इब्न बतूता खड़े रह गये मोची की दुकान में बतूता का जूता बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ Hindi poem for children first published by National Book Trust

चौका छक्का

धूम धड़क्का धूम धड़क्का सचिन का चौका सचिन का छक्का रह गए सारे हक्का बक्का चौका छक्का धूम धड़क्का कविता 1 हक्का बक्का : बच्चों के लिए 15 हिन्दी कविता Hindi poem for children first published by National Book Trust

सारे मौसम अच्छे

सारे मौसम अच्छे

सर्दी आई, सर्दी आई ठंड की पहने वर्दी आई। सबने लादे ढेर से कपड़े चाहे दुबले, चाहे तगड़े। नाक सभी की लाल हो गई सुकड़ी सबकी चाल हो गई। टिठुर रहे हैं कांप रहे हैं दौड़ रहे हैं, हांप रहे हैं। सारे मौसम अच्छे [Illustrations by Nilima Sheikh] धूप में दौड़ें तो भी सर्दी छाओं में बैठें तो भी सर्दी। बिस्तर के अंदर भी सर्दी बिस्तर के बाहर भी सर्दी। बाहर सर्दी घर में सर्दी...

लकड़ी का घोड़ा

घो घो घो घोड़ा लकड़ी का घोड़ा चाबुक न कोड़ा जब इसको मोड़ा भागा ये घोड़ा भागा ये घोड़ा लकड़ी का घोड़ा घो घो घो घोड़ा। कविता 5 हक्का बक्का : बच्चों के लिए 15 हिन्दी कविता Hindi poem for children first published by National Book Trust

कितनी बड़ी दिखती होंगी

कितनी बड़ी दिखती होंगी मक्खी को चीजें छोटी सागर सा प्याला भर जल पर्वत सी एक कौर रोटी। खिला फूल गुलदस्ते जैसा कांटा भारी भाला सा तालों का सूराख उसे होगा बैरगिया नालासा। हरे भरे मैदानों की तरह होगा इक पीपल का पात पेड़ों के समूहसा होगा बचा खुचा थाली का भात। ओस बूंद दरपनसी होगी सरसो होगी बेल समान सांस मनुज की आंधीसी करती होगी उसको हैरान बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ Hindi poem for children first published by National Book Trust

नट खट हम हां नटखट हम

नट खट हम हां नटखट हम। करने निकले खट पट हम आ गये लड़के पा गये हम। बंदर देख लुभा गये हम बंदर को बिचकायें हम। बंदल दौड़ा भागे हम बच गये लड़के बच गये हम। बर्र का बांस उठाकर आ गये हम ऊधम लगे मचाने हम आ लड़कों पर टूट पड़े झटपट हट कर छिप गये हम। बच गये लड़के बच गये हम बिच्छू एक पकड़ लाये। उसे छिपाकर ले आये सबक जांचने भिड़े गुरू।...

Source: https://www.pitara.com/fiction-for-kids/hindi-poems-for-kids/

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