आओ बच्चों रेल दिखायें
छुक छुक करती रेल चलायें
सीटी देकर सीट पे बैठो
एक दूजे की पीठ पे बैठो
आगे पीछे, पीछे आगे
लाइन से लेकिन कोई न भागे
सारे सीधी लाइन में चलना
आंखे दोनों नीची रखना
बंद आंखों से देखा जाए
आंख खुली तो कुछ न पाए
आओ बच्चों रेल चलायें
सुनो रे बच्चों, टिकट कटाओ
तुम लोग नहीं आओगे तो
रेलगाड़ी छूट जायेगी
आओ
सब लाइन से खड़े हो जाओ
मुन्नी तुम हो इंजन
ढब्बू तुम हो कोयले का डिब्बा
चुन्नू मुन्नू, लीला शीला
मोहन सोहन, जाधव माधव
सब पैसेन्जर, सब पैसेन्जर
एक, दो – रेलगाड़ी पी…

छुक छुक, छुक छुक
छुक छुक, छुक छुक
बीच वाले स्टेशन बोलें
रूक रूक, रूक रूक
रूक रूक, रूक रूक
तड़क धड़क,
लोहे की सड़क
यहां से वहां, वहां से यहां
छुक छूक…
फुलाए छाती पार कर जाती
बालू रेत, आलू के खेत
बाजरा धान, बुड्ढा किसान
हरा मैदान, मंदिर मकान,
चाय की दुकान
कुल्फी की डंडी, टीले पे झंडी
पानी की कुंड, पंछी का झुंड
झोपड़ी झाड़ी, खेती बाड़ी
बादल धुआ, मोठ कुंआ
कुंऐं के पीछे, बाग बगीचे
धोबी का घाट, मंगल की हाट
गांव का मेला, भीड़ झमेला
टूटी दीवार, टट्टू सवार
रेलगाड़ी पी…
धरमपुर करमपुर
करमपुर धरमपुर
मांडवा खांडवा
खांडवा मांडवा
रायपुर जयपुर
जयपुर रायपुर
तलेगांव मलेगांव
मलेगांव तलेगांव
वेल्लोर नेल्लोर
नेल्लोर वेल्लोर
शोलापुर कोल्हापुर
कोल्हापुर शोलापुर
उत्कल डिंडीगल
डिंडीगल उत्कल
कोरेगांव गोरेगांव
गोरेगांव कोरेगांव
मेमदाबाद अहमदाबाद
अहमदाबाद मेमदाबाद
बीच वाले स्टेशन बोलें
रूक रूक, रूक रूक
कोरेगांव गोरेगांव
गोरेगांव कोरेगांव
मेमदाबाद अदमदाबाद
अहमदाबाद मेमदाबाद
बीच वाले स्टेशन बोलें
रूक रूक, रूक रूक

बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ
Hindi poem for children

266 words | 11 minutes
Readability:
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Filed under: hindi poems
Tags: #hindi poems for kids, #बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ

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